A Secret Weapon For Shiv chaisa

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

Regardless of 1’s social status or authority, By reciting this, more info they attain purity and victory. Even those who are childless and yearning for wishes, Will surely get blessings with the grace of Lord Shiva.

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *